छोड़ देते है भोजन जिसमें एक बाल है फिर
क्यों खाते हो अंडा जिसमें एक माँ का लाल है ..!
वाह रे इंसान तेरी फिदरत ......
लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है .......
पर बेजुवान जीव को लाश बना के खाता है ....!
Amrit vani “अमृत वाणी”
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Arihant shri Pictures
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